पांच दिन में तेरह प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न

22 से 26 अगस्त के बीच विभिन्न स्थानों पर श्री क्षत्रिय युवक संघ के तेरह प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुए जिनके संक्षिप्त समाचार यहाँ प्रस्तुत है। जालोर संभाग के पाली प्रान्त के सोजत मंडल में एक शिविर पिपलाद गांव स्थित कालवा माता मंदिर में 23 से 26 अगस्त तक आयोजित हुआ। शिविर में पिपलाद, केवलाद, बगड़ी नगर, बिजागुडा, देवली हुल्ला, ढुंढा, सारंगवास, गुड़ा चन्द्रा, गुड़ा श्यामा, गुडांगरी, सवराड़, करमावास, रायपुर, रायरा, बिठौड़ा आदि गाँवो के 80 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री अमर सिंह चांदना ने किया। सर्वश्री गिरधारीसिंह पिपलाद, गजेन्द्र सिंह बगड़ीनगर तथा देवेंद्रसिंह पिपलाद ने व्यवस्था का जिम्मा संभाला। जालोर संभाग में ही सांचोर प्रान्त के बावरला गांव में भी चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 23 से 26 अगस्त तक सालक माताजी मंदिर के प्रांगण में आयोजित हुआ। शिविर का संचालन श्री खुमान सिंह दुदिया ने किया। शिविर में बावरला, कीलण, डबाल, सुरावा, आकोली, सिवाड़ा, अचलपुर, चौरा, डावल, चारणीम, केरिया, पांचला आदि गांवों के 110 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। समस्त ग्रामवासियों ने मिलकर व्यवस्था का जिम्मा उठाया। इसी प्रकार सूरत प्रांत का चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर बलेश्वर गांव स्थित पोटेंजा फार्म हाउस में 23 से 26 अगस्त को सम्पन्न हुआ। शिविर में सूरत, मुम्बई व वापी में निवासरत राजस्थान, गुजरात व उत्तरप्रदेश राज्यों के 142 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री अर्जुनसिंह देलदरी ने किया तथा सर्वश्री सुमेर सिंह देवड़ागुड़ा, प्रेम सिंह मारोल, भेरूसिंह ताणु, भोमसिंह जानकी, किशनसिंह ढिमड़ी, नरेंद्र सिंह असाड़ा, मालम सिंह साथू, रघुनाथ सिंह सिरमौर, उत्तम सिंह घाणेराव, किरण सिंह सामल, शैतानसिंह कोविया, चेनसिंह गुड़ाजेतसिंह, कल्याणसिंह चितलवाना, मदनसिंह गुरुकृपा ने व्यवस्था में सहयोग किया। जोधपुर संभाग के भोपालगढ़ प्रान्त के खारिया खंगार गांव में भी 23 से 26 अगस्त तक एक शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें खारिया खंगार, खांगटा, पालड़ी सिद्धा, धनारी, मांडपुरिया, साथिन, छापला, सिणला, गोटन, कागल सहित 25 से अधिक गांवों के 80 से अधिक शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन संघ के केन्द्रीय कार्यकारी श्री प्रेमसिंह रणधा ने किया तथा गाँव के समाजबंधुओं ने मिलकर व्यवस्था का जिम्मा संभाला। नागौर संभाग के लाडनूं सुजानगढ़ प्रान्त में भी इसी अवधि में एक चार दिवसीय शिविर का आयोजन साधना संगम संस्थान कुचामन सिटी के तत्वावधान में हुआ। श्री हिम्मत राजपूत छात्रावास, डीडवाना में आयोजित इस शिविर में थेबड़ी, सांवराद, रताउ, सेवदडा, दताऊ, चोलूंका, मामड़ोदा, ढींगसरी, सिंघाना, कणवाई, बंडवा, बरांगणा, लोरोली, देणोक, सफेड़ छोटी आदि गाँवों के स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। संचालन श्री शिम्भुसिंह आसरवा ने किया। साधना संगम संस्थान कुचामन सिटी के उपाध्यक्ष श्री भगवत सिंह जी सिंघाना भी शिविर में उपस्थित रहे। नागौर संभाग में ही एक चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर मकराना में 22 से 25 अगस्त तक सम्पन्न हुआ। श्री उगम सिंह गोकुल के संचालन में सम्पन्न इस शिविर में मकराना,मिंडकिया, हरनावा, सफेड़, आसरवा, देवला, कुचामनसिटी आदि से राजपूत युवा सम्मिलित हुए। सर्वश्री नन्द सिंह मकराना, गोविंद सिंह मकराना, राम सिंह मकराना, कान सिंह मकराना, सुरेन्द्र सिंह जस्सूपुरा ने व्यवस्था में सहयोग किया। बाड़मेर संभाग के शिव प्रान्त के चोचरा गांव स्थित जीत उच्च प्राथमिक विद्यालय में भी 23 से 26 अगस्त तक एक शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें धारवी, डांगरी, ओला, भैंसड़ा, भियाड़, आरंग, चोचरा, उण्डू आदि गांवों के बालक सम्मिलित हुए। शिविर का संचालन श्री वीरसिंह गंगासरा ने किया तथा श्री भैरूसिंह चोचरा (पटवारी) तथा श्री पारस सिंह चोचरा ने व्यवस्था में सहयोग किया। जैसलमेर संभाग के रामदेवरा नाचना प्रान्त का शिविर आसकन्द्रा गांव में 23 से 26 अगस्त तक आयोजित हुआ, जिसका संचालन श्री नरपत सिंह राजगढ़ ने किया। शिविर में आसकन्द्रा, दिधु, अवाय, नाचना, बारू, अजासर, छायण, भैंसड़ा आदि गांवों के 206 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री धर्मपाल सिंह व श्री वीरेंद्र सिंह आसकन्द्रा ने ग्रामवासियों के साथ मिलकर व्यवस्था का जिम्मा संभाला। बीकानेर संभाग के कोलायत प्रान्त के भलूरी गांव में भी इसी अवधि में एक चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ जिसमें भलूरी, पंवारवाला, गिर्राजसार, शेरुवाला, बिजेरी, आशापुरा आदि गावों के 85 बालकों और युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री खींव सिंह सुल्ताना ने किया। श्री दुर्जन सिंह भलूरी ने व्यवस्था में सहयोग किया। बालोतरा संभाग के सिवाना प्रान्त में भी तेलवाड़ा गांव स्थित गोगाजी मंदिर के प्रांगण में 22-25 अगस्त की अवधि में शिविर सम्पन्न हुआ। इस शिविर में सिवाना, मवड़ी, गोलिया, सिनेर, धारणा, बालियाणा, थापन, कुण्डल, पादरु, धीरा, जिनपुर, तेलवाड़ा, भागवा, काठाड़ी आदि गांवों के 97 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर संचालन श्री भैरुसिंह पादरु ने किया। व्यवस्था का जिम्मा समस्त ग्रामवासियों ने मिलकर संभाला। इसी प्रकार एक शिविर गुड़ामालानी प्रान्त (बाडमेर) के राणासर कला गांव में 23 से 26 अगस्त तक भारतीय ग्राम्य आलोकायन आश्रम के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ। शिविर का संचालन श्री गणपतसिंह बूठ ने किया। राणासर, बूल, खारी, गंगासरा, फागलिया, बूठ, बागोङा आदि गाँवो के लगभग 80 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। व्यवस्था का जिम्मा श्री रणछोड़ सिंह राणासर कला ने संभाला। 22 से 25 अगस्त की अवधि में मेवाड़- वागड़ सम्भाग में उदयपुर शहर स्थित मीरा मेदपाट भवन में बालिकाओं के चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें उदयपुर शहर, नाथद्वारा, कुराबड़, चित्तौड़गढ़तथा भीलवाड़ा से 95 बालिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्रीमती लक्ष्मी कँवर खारड़ा ने किया। शिविर के दौरान बालिकाओं ने जन्माष्टमी का पर्व भी मनाया। चित्तौड़गढ़ स्थित जौहर भवन में 24-25 अगस्त को एक बाल शिविर भी आयोजित हुआ जिसमें 65 बच्चों ने संघ का प्राथमिक परिचय प्राप्त किया। मीना कंवर सहाड़ा तथा डिंपल कंवर बरडोद ने शिविर का संचालन किया।