पांच राज्यों में पन्द्रह प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न

श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रशिक्षण शिविरों की श्रृंखला में 9 से 18 अगस्त के बीच 15 शिविर और जुड़े। कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्पन्न इन शिविरों के राज्यवार संक्षिप्त समाचार यहां प्रस्तुत है। कर्नाटक - कर्नाटक में एक बालिकाओं का तथा एक बालकों का शिविर आयोजित हुआ। चार दिवसीय बालिका प्रशिक्षण शिविर का आयोजन मैंगलोर के फाल्गुनी रिवर रिसोर्ट, पिलिकुल्ला में 9 से 12 अगस्त तक हुआ, जिसका संचालन श्रीमती लक्ष्मी कंवर खारड़ा ने किया। मैंगलोर में रहने वाली बालिकाओं के अतिरिक्त उडपी, गोआ, सूरत, राजस्थान से भी बालिकाएं सम्मिलित हुई। शिविर के दौरान क्षत्रिय पीठ उडपी के सन्त श्री विश्वाधिराज तीर्थ का प्रवचन भी हुआ। सर्वश्री राघवेन्द्र सिंह खारड़ा, रतनसिंह असाडा, भंवर सिंह चिरडिया, तनवीरसिंह पांचोटा, मिठूसिंह बालवाड़ा ने व्यवस्था में सहयोग किया। इसी प्रकार बालकों का प्रशिक्षण शिविर 10 से 12 अगस्त तक बीजापुर में आयोजित हुआ, जिसका संचालन श्री पवनसिंह बिखरनिया ने किया। शिविर में बैंगलोर, पुणे व बीजापुर में रहने वाले लगभग 80 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। महाराष्ट्र- महाराष्ट्र में मुम्बई शहर के भायंदर क्षेत्र में बालकों के चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन आई माता मन्दिर के प्रांगण में 15 से 18 अगस्त तक हुआ। शिविर का संचालन संघ के केंद्रीय कार्यकारी श्री गजेन्द्र सिंह आऊ ने किया, जिसमें मुम्बई शहर में रहने वाले 100 से अधिक स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। गुजरात- गुजरात में बनासकांठा प्रान्त में दांतीवाड़ा तहसील के पासवाल गांव स्थित गंगेश्वर महादेव मन्दिर के प्रांगण में 10 से 12 अगस्त तक शिविर का आयोजन हुआ जिसमें पासवाल, पांथावाडा,आरखी, सातसण, धनियावाडा, चारडा, शिहोरी, सातसण, मेजरपुरा, वलादर, गुदरी सकलाणा, कारेली पालडी, ऊँबरी, नालोदर, जाडी आदि गांवों के 75 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री अजीतसिंह कुणघेर ने किया तथा सर्वश्री ईश्वरसिंह आरखी, ईश्वरसिंह पांथावाडा, बलवंतसिंह पासवाल, रामसिंह पासवाल, पुरणसिंह सातसण एवं कानसिंह गांगुदरा ने शिविर व्यवस्था में सहयोग किया। इसी प्रकार मध्य गुजरात संभाग के अहमदाबाद ग्राम्य प्रान्त के कानेटी गांव की प्राथमिक शाला में 17-18 अगस्त को एक बाल शिविर का आयोजन हुआ। श्री देवेन्द्र सिंह कानेटी के संचालन में सम्पन्न इस शिविर में लगभग 50 बालकों ने संघ के विचारदर्शन व प्रणाली का प्रारम्भिक परिचय प्राप्त किया। दिल्ली - दिल्ली (एनसीआर) प्रान्त का चार दिवसिय प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर फरीदाबाद के वरिष्ठ नागरिक क्लब के प्रांगण में 09 से 12 अगस्त 2019 तक सम्पन्न हुआ। इस शिविर में राजस्थानी प्रवासी बंधुओ के साथ यूपी व हरियाणा के समाज बंधुओं ने लिया भाग। शिविर का संचालन श्री रेवतसिंह धीरा ने किया। शिविर की आयोजन व्यवस्था फरीदाबाद के समाज बंधुओं की तरफ से की गई। वरिष्ठ स्वयंसेवक नारायणसिंह जी पांडोराई भी शिविर में उपस्थित रहे। राजस्थान- बाड़मेर स्थित आलोक आश्रम में 10 से 13 अगस्त तक श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन से जुड़े सहयोगियों का एक प्रशिक्षण शिविर माननीय संघप्रमुख श्री के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। शिविर का संचालन संघ के संचालन प्रमुख श्री लक्ष्मणसिंह बैण्यांकाबास ने किया तथा इसमें 25 वर्ष से अधिक उम्र के 125 समाजबंधुओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। बाड़मेर के खबडाला में भी एक चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 9 से 12 अगस्त तक आयोजित हुआ जिसका संचालन श्री हरि सिह उडंखा ने किया। शिविर में खबडाला, उगेरी, चेतरोडी, कुबडीया, गिराब, आकोडा, महाबार, कोटडा, खुहडी, बाडमेर व चौहटन से लगभग 130 युवाओं ने प्रशिक्षण लिया। श्री थान सिह खबडाला तथा स्थानीय बंधुओं ने व्यवस्था में सहयोग किया। बाड़मेर में ही गडरा रोड क्षेत्र में स्थित मूल सिंह जी की ढाणी, ताणु में चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 9-12 अगस्त की अवधि में हुआ। शिविर का संचालन श्री छगन सिंह लूणू ने किया जिसमें मुंगेरिया, हरसाणी, फोगेरा, तिबनियार, जानसिंह की बेरी, ताणुमान जी ताणुराव जी, दूधोडा, देदडियार तथा मल्लीनाथ छात्रावास बाड़मेर की शाखाओं के लगभग 165 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। विदाई कार्यक्रम में माननीय संघप्रमुख श्री का सान्निध्य भी शिविरार्थियों को प्राप्त हुआ। इसी प्रकार जैसलमेर संभाग में फतेहगढ़ क्षेत्र के चेलक गांव में 10-13 अगस्त तक शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें बेरसियाला, रामगढ़, पारेवर सेरावा, मोढा, झिंझनियाली, तेजमालता, चेलक, रणधा, म्याजलार, धोबा, शिवकर, लखा, जोगीदास गांव, हापा, भाडली, नगराजा, छतांगढ़, अड़बाला, आला, शोभ आदि गांवो के युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री भोजराजसिंह तेजमालता ने किया तथा श्री मानसिंह चेलक ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर व्यवस्था का जिम्मा संभाला। जालोर संभाग में भीनमाल प्रान्त के जेरण गांव में स्थित दुदेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में एक चार दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। 10-13 अगस्त की अवधि में आयोजित इस शिविर में जेरण, दासपां, कावतरा, जाखड़ी, पुनासा, दुधवा, सुरावा, दहिवा, करड़ा, सामराणी, सेवड़ी आदि गांवों के लगभग 150 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन संभागप्रमुख श्री अर्जुन सिंह देलदरी ने किया। सर्वश्री जनक सिंह, रेवत सिंह, पृथ्वीसिंह आदि ने जेरण के स्थानीय समाजबंधुओं के साथ मिलकर व्यवस्था का जिम्मा संभाला। जालोर संभाग के ही सिरोही प्रान्त में रेवदर मंडल के अंतर्गत 10-13 अगस्त की अवधि में एक शिविर का आयोजन मलावा खेतलाजी में हुआ जिसमें सरण का खेड़ा, मांडाणी, चूली, निम्बोडा, पादर, मकावल, सेरुआ, चेकला, भटाणा, वडवज, हमीरपुरा, नागाणी, उथमण, इदरला आदि गांवों के 76 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री खुमान सिंह दुदिया ने किया। स्थानीय समाजबंधुओं ने मिलकर व्यवस्था में सहयोग किया। जोधपुर संभाग के ओसियां प्रान्त में भी तिंवरी स्थित महिपाल कॉलेज में चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 10-13 अगस्त तक संपन्न हुआ जिसमें 80 से अधिक शिविरार्थी सम्मिलित हुए। सरदार भगत सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय तिंवरी, गीता धाम उच्च माध्यमिक विद्यालय तिंवरी, जेलु, तापू, जोधपुर शहर, बड़ा कोटेचा, सामराऊ आदि स्थानों के युवा शिविर में उपस्थित रहे। शिविर व्यवस्था में श्री स्वरूप सिंह बड़ला एवं श्री समंदर सिंह तिंवरी ने सहयोग दिया। भैरू सिंह बेलवा के संचालन में सम्पन्न शिविर के दौरान वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ की जयंती भी मनाई गयी। बीकानेर संभाग के श्री डूंगरगढ़ में 10-13 अगस्त तक रघुकुल राजपूत छात्रावास में सम्पन्न हुआ। श्री करणी सिंह भेलू के संचालन में सम्पन्न इस शिविर में पुंदलसर, झंझेऊ, विजय भवन, पंचवटी छात्रावास, नारायण निकेतन व कीरतासर शाखाओं तथा आस पास के गांवों से लगभग 150 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर के दौरान 12 अगस्त को दुर्गादासजी की जयंती भी मनाई गई। उदयपुर संभाग के राजसमन्द प्रांत के अंतर्गत पिपरड़ा स्थित फरारा महादेव मंदिर के प्रांगण में भी एक शिविर का आयोजन 09-12 अगस्त की अवधि में हुआ। संभाग प्रमुख श्री भंवरसिंह बेमला के संचालन में सम्पन्न इस शिविर में पिपरडा़, गलियों का गुड़ा, मांडक का गुडा़, अमेढ, सेदरा, इतितलाई, भीमपुर, बिजैरी व रोलसाहबसर के 70 से अधिक बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।