5 राज्य,16 दिन,28 शिविर और 3000 शिविरार्थी

श्री क्षत्रिय युवक संघ के इस सत्र के प्राथमिक प्रशिक्षण शिविरों की श्रृंखला अनवरत चल रही है। इसी क्रम में 8-24 सितंबर की अवधि में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान राज्यों में में विभिन्न स्थानों पर दो बालिका शिविर सहित कुल 28 प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुए, जिनके संक्षिप्त समाचार यहाँ प्रस्तुत है। जयपुर संभाग में दौसा प्रान्त के नंदेरा गांव में भी 20-23 सितंबर तक शिविर आयोजित हुआ जिसमें नंदेरा, मोरवाड़ा, लिखली, मेड़ी, उदयपुरा, झापडावास आदि गांवों के युवा सम्मिलित हुए। संघ के केंद्रीय कार्यकारी श्री गजेंद्र सिंह आऊ ने शिविर का संचालन किया। श्री भंवरसिंह नंदेरा ने ग्रामवासियों के साथ मिलकर व्यवस्था का जिम्मा संभाला। इसी अवधि में जोधपुर संभाग के भोपालगढ़ प्रान्त के सांखलों की ढाणी (खांगटा) में सितंबर तक बालकों का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ। संघ के केन्द्रीय कार्यकारी श्री प्रेम सिंह जी रणधा ने शिविर का संचालन किया। शिविर में खांगटा, सालवां, रूदिया, मेरासिया, साथिन, पीपाड़ आदि गांवों के तथा हनुवंत छात्रावास के लगभग 130 बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर व्यवस्था में खांगटा गांव के सर्वश्री श्रवणसिंह, देवीसिंह, नवीनसिंह, दिलीपसिंह आदि का सहयोग रहा। जालोर संभाग में भीनमाल के निकट दासपाँ गांव के लोलेश्वर महादेव मन्दिर प्रागंण में भी इसी अवधि में शिविर सम्पन्न हुआ जिसका संचालन संघ के केन्द्रीय कार्यकारी श्री रेवन्तसिंह पाटोदा ने किया। शिविर में दासपां, कावतरा, दूदवा, भाटा, पूरण, केसुआ, सरण का खेड़ा, भीनमाल छात्रावास, बावतरा आदि से लगभग 130 युवा सम्मिलित हुए। दासपां गाँव के समस्त राजपूत समाज ने मिलकर व्यवस्था का जिम्मा संभाला। वागड़ प्रान्त में भी एक शिविर डूंगरपुर के श्री लक्ष्मण राजपूत छात्रावास में 20-23 सितंबर की अवधि में ही सम्पन्न हुआ। नागौर संभागप्रमुख श्री शिम्भु सिंह आसरवा के संचालन में सम्पन्न इस शिविर में लाम्बापारडा, रेलडा, भेखरेड, वणवासा, सागोट, आतरसुंबा, कानपूरा आदि गांवों के लगभग 53 क्षत्रिय बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री वदन सिंह गेंहूवाडा तथा श्री मनोहर सिंह रेलडा ने व्यवस्था का जिम्मा संभाला। इसी अवधि में पोकरण-नाचना प्रान्त के रिडमलसर गांव में स्थित दिव्य दृष्टि पब्लिक स्कूल में भी शिविर का आयोजन हुआ। श्री गणपत सिंह अवाय के संचालन में सम्पन्न शिविर में रिडमलसर, खारिया, आऊ, चाडी, करणू, बेदू, बापिणी आदि गाँवो के 200 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण लिया। शिविर की आयोजन व्यवस्था श्री श्रवण सिंह रिडमलसर ने संभाली। जोधपुर संभाग में आसरलाई गांव में भी इसी अवधि में शिविर सम्पन्न हुआ, जिसमें पंचवटी आश्रम जोधपुर, राजपूत छात्रावास फलौदी, आदर्श देचू, सेखाला, बुङकिया, खिंयासरिया, सेतरावा, चौरङिया, बेलवा और आसरलाई से लगभग 115 स्वयंसेवक सम्मिलित हुए। शिविर का संचालन संभाग प्रमुख श्री महेंद्र सिंह गूजरावास ने किया। व्यवस्था में आसरलाई के सौभाग्य सिंह जी, कान सिंह जी और जोग सिंह जी का सहयोग रहा। इसी अवधि में नागौर प्रान्त के जायल मंडल के जालनियासर गांव में भी शिविर आयोजित हुआ। इस शिविर में जालनियासर, आंवलियासर, चाऊ, बागरासर, छापड़ा, सरासनी, लालगढ़, बोसेरी आदि गांवों के 70 से अधिक शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री खींव सिंह सुल्ताना ने शिविर का संचालन किया। इसी प्रकार एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर 20-23 सितंबर तक रूद (चित्तौड़गढ़) में संपन्न हुआ। स्व.घनश्याम सिंह जी रूद के फाॅर्म हाऊस पर आयोजित शिविर का संचालन श्री भँवर सिंह बेमला द्वारा किया गया। शिविर की व्यवस्था श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह जी रूद ने संभाली। शिविर में रूद, जगपुरा, बेणिपुरिया, खेडिया, चंदनपुरा आदि गांवों तथा उदयपुर, पाली, बाडमेर, जैसलमेर, सवाई माधोपुर, अजमेर, जोधपुर, भीलवाडा, देवरिया(उ.प्र.) आदि जिलो से शिविरार्थी सम्मिलित हुए। इसी अवधि में बाड़मेर शहर प्रान्त का शिविर भारतीय ग्राम्य आलोकायन ट्रस्ट द्वारा संचालित आलोक आश्रम के प्रांगण में सम्पन्न हुआ। इस शिविर में मल्लीनाथ छात्रावास, जय भवानी छात्रावास, मोहन गुरुकुल, मरुधर छात्रावास, कृष्णा छात्रावास, एम. एन. छात्रावास, मातेश्वरी छात्रावास, माजिया छात्रावास, भवानी छात्रावास की शाखाओं के लगभग 150 स्वयंसेवक उपस्थित रहे। शिविर का संचालन श्री भगवानसिंह दूधवा ने संभाग प्रमुख श्री देवीसिंह माडपुरा के सहयोग से किया। आयोजन व्यवस्था का जिम्मा अशोक सिंह भीखसर व नटवरसिंह झिंझनियाली ने संभाला। नागौर संभाग के अंतर्गत डीडवाना मंडल के ग्राम जेवलियाबास में 20-23 सितंबर की अवधि में शिविर आयोजित हुआ। शिविर का संचालन श्री विक्रम सिंह ढींगसरी ने किया। शिविर में जेवलियाबास, बरागंना, खरेश, प्यांवा, सिंघाणा, आसरवा, ठाकरियावास, कुचामन सिटी, छापरी कल्ला, डसाणा कल्ला, गनोडा, खुनखुना,खानडी, अगरोट आदि गांवों के लगभग 72 बालक सम्मिलित हुए। सर्वश्री मंगेज सिंह जेवलियाबास, गोपाल सिंह जेवलियाबास, भरत सिंह जेवलियाबास आदि ने आयोजन व्यवस्था संभाली। इसी अवधि में जयपुर संभाग के टोंक प्रान्त का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर नगर में आयोजित हुआ जिसका संचालन श्री जुगराज सिंह जुलियासर ने किया। शिविर में कुराड़, नगर, स्या, सीतापुरा आदि गांवों से लगभग 40 युवा सम्मिलित हुए। आयोजन व्यवस्था का जिम्मा श्री महेंद्र सिंह व श्री हनुमान सिंह ने संभाला। शिविर के अंतिम दिन स्नेह मिलन भी रखा गया, जिसमें क्षेत्र के समाजबंधु सम्मिलित हुए। उत्तरप्रदेश में भी 20 से 23 सितंबर की अवधि में दो शिविर सम्पन्न हुए, जिनमें एक बालिकाओं का व एक शिविर बालकों का रहा। बालिका शिविर महोबा के पास स्थित चरखारी किले के राव बाग पैलेस में आयोजित हुआ जिसका संचालन श्रीमती संतोष कंवर सिसरवादा ने किया। सामाजिक कार्यकर्त्ता पुष्पा सिंह व ललिता राजे ने शिविर व्यवस्था में सहयोग किया। पूर्व युवरानी मोना सिंह भी पूरे शिविर में उपस्थित रही। इसी प्रकार बालकों का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर श्री रोशन सिंह बदन सिंह इण्टर कॉलेज कबरई में आयोजित हुआ, जिसका संचालन श्री राजेन्द्र सिंह बोबासर ने किया। 19-22 सितंबर तक बाड़मेर संभाग में एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर शिव प्रान्त में भिंयाड़ मण्डल के बाटाड़ा झाक गाँव में सम्पन्न हुआ। शिविर का संचालन श्री गणपत सिंह बूठ ने किया। शिविर में झाक, मौखाब, आरंग, चोचरा, भिंयाड़, ऊण्डू, धारवी, शिव, मुंगेरिया, निम्बला, कोटड़ा, जालेला, बांदरा, बूठ, आगोरिया, बाड़मेर आदि से 110 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। आयोजन-व्यवस्था में सर्वश्री चैनसिंह, सांवलसिंह, कमलसिंह, बागसिंह, मेहताब सिंह आदि ग्रामवासियों का सहयोग रहा | बाड़मेर संभाग के ही गुड़ामालानी प्रान्त में उण्डखा मण्डल का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर जेठमाल सिंह की ढाणी स्थित प्राथमिक विद्यालय में इसी अवधि में सम्पन्न हुआ। श्री लालसिंह आकोड़ा के संचालन में सम्पन्न शिविर में उण्डखा, महाबार, मीठड़ा, आकोड़ा, गुड़ामालानी क्षेत्रों से तथा भवानी बोर्डिंग हाऊस चौहटन से लगभग 139 शिविरार्थी सम्मिलित हुए। बीकानेर संभाग में भी 19-22 सितंबर की अवधि में नोखागाँव स्थित रुपनाथ जी मंदिर के प्रांगण में सम्पन्न हुआ। शिविर संचालन श्री रेवंतसिंह जाखासर ने किया। शिविर में मोरखाना, किरतासर, शोभाणा, भादला, सारुण्डा, जांगलू, गीगासर, पुन्दलसर, झंझेऊ आदि गांवों के लगभग 125 शिविरार्थी सम्मिलित हुए। ग्रामवासियों ने मिलकर शिविर की व्यवस्था संभाली। जैसलमेर जिले के गाँव डाबला में भी एक शिविर 19-22 सितंबर तक आयोजित हुआ, जिसका संचालन श्री नरेंद्रसिंह तेजमालता ने किया। शिविर में मूलाना, बडोड़ागांव, सितोड़ाई, ऊण्डा, आकल, जोधा, तेजमालता, म्याजलार, झिंझनियाली, बेरसियाला, रामगढ, सेरावा, पूनमनगर, मोढा, जोगीदास का गाँव, म्याजलार, रणधा, जैसलमेर शहर, देवीकोट, डाबला आदि गाँवों के 165 शिविरार्थी सम्मिलित हुए। पाली प्रान्त के सोजत मंडल का शिविर 21 से 24 सितंबर तक गोपाल दाता का धुणा, बलाङा जैतारण में आयोजित हुआ, जिसमें बलाङा, घोड़ावड, राबङियावास, मुरङावा, रायपुर, करमावास, बर सहित आस पास के गांवों के 52 युवाओं ने भाग लिया। श्री महोब्बत सिंह धींगाणा ने शिविर का संचालन किया। शिविर की व्यवस्था श्री चेनसिंह बलाङा व श्री रामसिंह हाजीवास ने संभाली। मध्य गुजरात संभाग के अहमदाबाद ग्राम्य प्रांत में सचाणा गांव के निकट श्री मेलडी माताजी के मंदिर परिसर मे 21/9/2018 से 23/9/2018 तक शिविर का आयोजन हुआ। शिविर का संचालन श्री बटुकसिंह काणेटी ने किया। आयोजन व्यवस्था श्री दिवानसिंह काणेटी ने संभाली। जालोर संभाग के साँचोर प्रान्त में भी एक प्राथमिक शिविर विरोल गांव में 18 से 21 सितंबर तक सम्पन्न हुआ जिसमें विरोल, सुरावा, कारोला, सिवाड़ा, पांचला, आकोली, डावल, रतनपुर, विरोल, केरिया सहित क्षेत्र के अनेक गाँवो के लगभग 130 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री शक्तिसिंह आशापुरा ने किया। सर्व श्री देवेंद्र सिंह विरोल, धनसिंह विरोल, गणपत सिंह विरोल ने मिलकर आयोजन की व्यवस्था संभाली। हरियाणा के गुड़गांव जिले में स्थित भोंडसी गांव में भी एक शिविर 21-23 सितंबर की अवधि में सम्पन्न हुआ। आर. बी. एस. एम. विद्यालय में आयोजित इस शिविर में भोंडसी, घामडोज गांवों के साथ ही दिल्ली शहर के लगभग 50 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन अभय सिंह रोडला ने दिल्ली प्रान्त प्रमुख श्री रेवत सिंह धीरा के सहयोग से किया। घामडोज गांव के श्री अनीश सिंह, श्री अरुण सिंह व श्री लोकेश सिंह ने आयोजन की व्यवस्था संभाली। गुजरात के भाल प्रांत में धंधुका राजपूत बोर्डिंग में भी इसी अवधि में शिविर का आयोजन हुआ। श्री भागीरथ सिंह साठखाखरा द्वारा संचालित शिविर में राजकोट छात्रावास, वल्लभीपुर छात्रावास, भावनगर छात्रावास, लिखंडी छात्रावास सहित सौराष्ट्र क्षेत्र की लगभग सभी राजपूत बोर्डिंग से 165 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर आयोजन की व्यवस्था चुडासमा राजपूत छात्रावास धंधुका द्वारा की गई। गुजरात के मेहसाणा प्रांत में सिद्धपुर शहर में सरस्वती नदी के तट पर स्थित वालकेश्वर महादेव मंदिर में 15 से 17 सितंबर तक शिविर सम्पन्न हुआ। शिविर का संचालन श्री विक्रमसिंह कमाना ने किया। शिविर में लगभग 20 गांवों के 120 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री गोपालसिंह खोलवादा ने व्यवस्था में सहयोग किया। बनासकांठा प्रान्त में धानेरा तहसील के जाड़ी गांव में 8-10 सितंबर तक शिविर का आयोजन हुआ। श्री अजितसिह कुणघेर ने शिविर का संचालन किया जिसमें रामसर, कुणघेर, वातम, जाडी , थराद, रतनपुर , सुरावा, वलादर, तेजावास,सातसण, भीलाचल, चारडा, रडोसण, देवदा, जड़िया, माडका, चिभणा, फोरणा, मेसरा, सिया, भाटीप आदि गांवों के 63 स्वयंसेवक सम्मिलित हुए। गुजरात में ही इसी अवधि में भावनगर प्रांत के अन्तर्गत तलाजा तहसील के चूड़ी गाँव में बालिकाओं का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ। इस दौरान चूड़ी, मोरचंद व भावनगर की लगभग 60 बालिकाएँ सम्मिलित हुई। शिविर का संचालन श्रीमती उर्मिलाबा पछेगाम ने किया। श्री वनराजसिंह चूड़ी ने आयोजन व्यवस्था का जिम्मा संभाला। 16 से 19 सितम्बर 2018 तक गोयणेश्वर महादेव मंदिर डंडाली में प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ, जिसमें बायतु, बालोतरा, सिणधरी आदि क्षेत्रों से 140 युवाओं ने प्रशिक्षण लिया। शिविर संचालन श्री भेरू सिंह पादरू ने किया तथा व्यवस्था का जिम्मा गाँव के समाजबंधुओं ने मिलकर संभाला। मध्यप्रदेश में भी 16 से 19 सितंबर की अवधि में ही एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर मोडी माताजी मंदिर, जावेद, नीमच में सम्पन्न हुआ, जिसका संचालन जितेंद्र सिंह जी देवली ने गंगा सिंह जी साजियाली के सहयोग से किया। शिविर में 40 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर की व्यवस्था स्थानीय समाजबंधुओं द्वारा की गई। इसी अवधि में भीलवाड़ा-हाड़ौती प्रान्त का शिविर राजपूत धर्मशाला, जगदीश भगवान, ऊमरी में श्री बृजराजसिंह खारड़ा के संचालन में सम्पन्न हुआ,जिसकी व्यवस्था जगदीश भगवान राजपूत सभा के कार्यकर्त्ताओं ने संभाली। शिविर में महाराणा कुम्भा छात्रावास, ऊमरी, निमझर, कान्जी का खेड़ा, मानसिंह जी का खेड़ा, चवला रेल का खेड़ा, सबलपुरा से लगभग 65 युवा व बालक सम्मिलित हुए।