बालिका शिविर

हमारा इतिहास आदर्श माताओं के विवरण से भरा पड़ा है। आदर्श माताएँ ही श्रेष्ठ संतान का निर्माण कर सकती है। आज की बालिकाएँ कल की माताएं हैं लेकिन वर्तमान वातावरण में उन्हें नारी धर्म, संस्कार, स्त्री के भूषण व दूषण, पारीवारिक एवं सामाजिक परम्पराओं, इतिहास तथा जातीय गौरव और आदर्शों की शिक्षा मिलना दुर्लभ है, इन सब विषयों पर विस्तृत शिक्षण हेतु बालिकाओं के भी प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों मे शिक्षण का कर्म संघ के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग स्वयंसेवक करते हैं, शनैः शनैः बालिकाएँ एवं महिलाएं भी इस कर्म के लिए तैयार हो रही हैं। प्रतिवर्ष लगभग 50 बालिका शिविर संघ के कर्मक्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगते हैं। इन शिविरों के परिणाम स्वरूप पारीवारिक जीवन में परस्पर सौहार्द, सहिष्णुता, शुद्धता का वातावरण बनने में सहायता मिलती है|