संस्कार निर्माण ही है वास्तविक शिक्षण- संघप्रमुख श्री
"आने वाली पीढ़ी को संस्कारित बनाने से ही एक श्रेष्ठ और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण संभव है। आज की शिक्षा प्रणाली में संस्कार-निर्माण को कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा है। विदेशियों की नीतियों पर आधारित यह शिक्षा-प्रणाली देश को खोखला बना रही है। इस बात को समझकर हमें सावधान होना होगा। बालकों में संस्कार निर्माण और त्याग-भावना को भरना आवश्यक है। इस कार्य के लिए अनुकूल वातावरण की आवश्यकता होती है इसीलिए श्री क्षत्रिय युवक संघ अपने शिविर एकांत स्थानों पर लगाकर गीतोक्त साधना द्वारा ऐसे वातावरण का निर्माण करता है तथा वहां संस्कार-शिक्षण का कार्य करता है।" माननीय संघप्रमुख श्री ने यह बात लाम्बापारड़ा(बांसवाड़ा) में 13.11.2017 को आयोजित स्नेहमिलन के दौरान अपने उद्बोधन् में कही। कार्यक्रम को पूर्व राजपरिवार के महारावल जगमाल सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने क्षत्रिय बालकों को संस्कारित बनाने हेतु इस प्रकार के कार्य को महत्वपूर्ण बताकर सभी से इसमें जुटने का आह्वान किया। स्नेहमिलन में प्रताप युवा शक्ति के प्रदेश महासचिव भानुप्रताप सिंह खुइया, क्षत्रिय महासभा बांसवाड़ा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह आनन्दपुरी, पूर्व अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह टामटिया, पृथ्वीराज सिंह मोटागांव, डूंगरपुर अध्यक्ष प्रतापसिंह भेखरेड, गुमानसिंह वलाई, दिलवर सिंह ठीकरिया आदि भी उपस्थित रहे।