खोये ईश्वरीय भाव को पुनः प्राप्त करें क्षत्रिय – संघप्रमुख श्री
"संस्कार निर्माण के कार्य में माताओं की भूमिका सर्वोपरि है। भावी पीढ़ी को संस्कारित करने हेतु माताओं को तैयार करने के लिए संघ बालिकाओं के शिविर लगाता है। आपका संघ के प्रति विश्वास अपनी बच्चियों को शिविर में भेजने को प्रेरित करता है। आज सब तरफ जो विषैला वातावरण है, उसके निवारण के लिए बहुआयामी प्रयासों की आवश्यकता है। राजनीति भी महत्वपूर्ण है, इसलिए अच्छे लोगों को इस क्षेत्र में भी आगे आना चाहिए। हमारे पास आज भी शौर्य, तेज, धैर्य, दक्षता, दानशीलता, साहस आदि गुणों की कमी नहीं है, परन्तु जो गुण खो गया है- वह है ईश्वरीय भाव। इस भाव की समाज में पुनर्स्थापना करने का प्रयत्न श्री क्षत्रिय युवक संघ कर रहा है। देश के आज़ाद होने के समय हम दिशाभ्रमित होकर निस्तेज खड़े थे। उस समय पूज्य तन सिंह जी ने मात्र 22 वर्ष की आयु में श्री क्षत्रिय युवक संघ का गठन कर हमें मार्ग दिखाया। हमें संघ को घर-घर तक पहुँचाना है। यदि हम निष्ठापूर्वक लग जाएं तो यह कठिन नहीं है। हम अपनेपन को भूल गए है, उसे पुनः स्मरण करना होगा।" माननीय संघप्रमुख श्री ने आज दिनांक 26.05.2017 को चित्तौड़गढ़ के विद्या निकेतन उ.मा.वि. में आयोजित स्नेहमिलन में यह बातें कही। स्नेहमिलन में शिविरार्थी बालिकाओं के अभिभावक तथा स्थानीय सहयोगी आमंत्रित किये गए थे, जिससे वे भी संघकार्य से परिचित हो सकें। चित्तौड़गढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या तथा वल्लभनगर विधायक श्री रणधीर सिंह भीण्डर भी स्नेहमिलन में उपस्थित थे। गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। वरिष्ठ स्वयंसेवक दुर्गा सिंह जी रूद ने संघ का विस्तृत परिचय दिया। श्री रणधीर सिंह जी भीण्डर ने कहा कि हमारा संगठित व संस्कारित होना समय की मांग है, जिसे पूरा करने का कार्य श्री क्षत्रिय युवक संघ कर रहा है। हमें अपने में क्षत्रियोचित गुण भरने है, जिससे हम समाज की और पीड़ितों की सेवा कर सकें। श्री चन्द्रभान सिंह आक्या ने कहा की क्षत्रिय वही है, जो सभी को साथ लेकर चले, हमें अपने कर्तव्य और संस्कारों को भूलना नहीं है। कार्यक्रम को डॉ. लक्ष्मी कँवर चुण्डावत, भंवर सिंह जी तँवर, बनवीर सिंह जी आदि ने भी संबोधित किया। अन्त में मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई तथा सभी ने स्नेहपूर्ण वातावरण में सामूहिक भोज किया।