संघ के स्थानीय कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर संपर्क के लिए दल बनाकर संपर्क यात्राएँ करते हैं जिनमें वे संघ की बात, उपयोगिता एवं आवश्यकता लोगों को समझाते हैं और निकट में होने वाले शिविरों में शिविरार्थियों को भेजने का आग्रह करते हैं।
संघ के स्वयं सेवक प्रायः दल बनाकर घर-घर संघ की पत्र-पत्रिकाओं (संघशक्ति व पथप्रेरक) के सदस्य बनाने के लिए भी संपर्क अभियान चलाते हैं, जिनमें इसके अतिरिक्त संघ एवं समाज की चर्चा होती है। कुछ स्वयं सेवक प्रति सप्ताह एक परिवार में जाकर उनके घर यज्ञ करते हैं एवं इस प्रकार संपर्क की कड़ी मजबूत करते हैं। इसके अतिरक्ति भी शाखा भ्रमण, पारिवारिक भ्रमण आदि अनेकानेक गतिविधियों द्वारा समाज से जीवंत संपर्क बनाये रखने का प्रयास किया जाता है।