स्नेहमिलन

गांवों नगरों मे स्थानीय एवं आवश्यकतानुसार स्नेह मिलन आयोजित किए जाते है जिनमें संघ की बात के अतिरिक्त वर्तमान में समाज की स्थिति पर चर्चाएँ होती हैं।

एक निश्चित स्थान पर रहने वाले समस्त क्षत्रिय बंधुओं का परिवार सहित सामूहिक भोज के अवसर संघ प्रायः प्रतिवर्ष अनेक स्थानों पर जुटाता है। इस हेतु संघ के कार्यकर्ता प्रायः घर-घर घूमकर शुल्क एकत्र करते हैं और फिर उसी शुल्क से भोजन आदि की व्यवस्था कर मातृस्वरूपा समाज के एक साथ दर्शन लाभ का अवसर जुटाते हैं। इस दौरान संघ के स्वयंसेवकों द्वारा संघ व उसके विचारदर्शन की जानकारी समाजबंधुओं के सामने रखी जाती है साथ ही स्थानीय स्तर पर आपसी परिचय को प्रगाढ़ करने में भी स्नेहमिलन कार्यक्रमों का विशेष महत्त्व रहता है।