जन संपर्क कार्यक्रम

संघ का कार्य लोकशिक्षण एवं लोक संग्रह का है और इसके लिए समाज से जीवंत संपर्क बनाकर रखना पड़ता है। इस हेतु निम्न गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं।

संघ प्रमुख का प्रवास –

माननीय संघ प्रमुख का मुख्यावास केन्द्रीय कार्यालय जयपुर है लेकिन वे वर्ष के अधिकांश समय प्रवास पर ही रहते हैं। यात्रा कार्यक्रम प्रायः तीन महीने पहले ही बन जाता है। जहाँ भी संघ प्रमुख पधारते हैं वहाँ स्थानीय स्वयंसेवकों के अतिरिक्त क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों से भी मिलते हैं। साथ ही प्रायः उनके प्रवास के समय स्नेहमिलन आदि कार्यक्रम बन जाते हैं।

सम्पर्क यात्राए –

संघ के स्थानीय कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर संपर्क के लिए दल बनाकर संपर्क यात्राएँ करते हैं जिनमें वे संघ की बात, उपयोगिता एवं आवश्यकता लोगों को समझाते हैं और निकट में होने वाले शिविरों में शिविरार्थियों को भेजने का आग्रह करते हैं।

स्नेह मिलन –

गांवों नगरों मे स्थानीय एवं आवश्यकतानुसार स्नेह मिलन आयोजित किए जाते है जिनमें संघ की बात के अतिरिक्त वर्तमान में समाज की स्थिति पर चर्चाएँ होती हैं।

पारीवारिक स्नेह भोज –

एक निश्चित स्थान पर रहने वाले समस्त क्षत्रिय बंधुओं का परिवार सहित सामूहिक भोज के अवसर संघ प्रायः प्रतिवर्ष अनेक स्थानों पर जुटाता है। इस हेतु संघ के कार्यकर्ता प्रायः घर-घर घूमकर शुल्क एकत्र करते हैं और फिर उसी शुल्क से भोजन आदि की व्यवस्था कर मातृस्वरूपा समाज के एक साथ दर्शन लाभ का अवसर जुटाते हैं।

महापुरुषों के स्मृति दिवस –

हमारे महापुरुषों की स्मृति में उनकी जयंती या पुण्यतिथि के अवसर पर समारोह पूर्वक श्रंद्धाजली के कार्यक्रम समाज में श्री क्षत्रिय युवक संघ ने प्रारंभ किए जो अब आम हो गए हैं। आज समाज में संघ के अतिरक्ति भी अनेक संगठन महापुरुषों के स्मृति दिवस मनाते हैं। संघ आज भी संघ के पूर्व संघप्रमुखों के अलावा महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़, पृथ्वीराज चैहान, जयमल राठौड़, राव शेखाजी सहित अनेको महापुरुषों की जयंतियां विशाल स्तर पर या शाखा स्तर पर मनाता है। इसके अतिरिक्त अन्य संस्था आयोजन कर रही हो तो सहयोग करता है।

संघशक्ति पथ-प्रेरक सदस्यता अभियान –

संघ के स्वयं सेवक प्रायः दल बनाकर घर घर इन पत्र पत्रिकाओं के सदस्य बनाने के लिए भी संपर्क अभियान चलाते हैं। जिनमें इसके अतिरिक्त संघ एवं समाज की चर्चा होती है।

यज्ञ अभियान –

कुछ स्वयं सेवक प्रति सप्ताह एक परिवार में जाकर उनके घर यज्ञ करते हैं एवं इस प्रकार संपर्क की कड़ी मजबूत करते हैं। इसके अतिरक्ति भी शाखा भ्रमण, पारीवारिक भ्रमण आदि अनेकानेक गतिविधियों कर समाज से जीवंत संपर्क बनाये रखने का प्रयास किया जाता है।

विशाल समारोह –

विभिन्न क्षेत्रों मे समाज के सभी लोगों को आमंत्रित कर हजारों की संख्या मे जाति स्वरूपा माँ आद्य शक्ति के दर्शन करने के अवसर तो संघ प्रायः प्रतिवर्ष जुटाता है जिसमे पूज्य तनसिंह जी की जयन्ती का अवसर प्रमुख है। सीकर, बाड़मेर जोधपुर, भीलवाड़ा, कुचामन, जैसलमेर आदि स्थानों पर पूज्य तनसिंह जी जंयती के कार्यक्रम रखे गए जिनमें लाखों की संख्या में क्षत्रिय पुरुष एवं महिलाएँ शामिल हुई। इसके अतिरिक्त भी पूरे संघ के सामूहिक एककीकरण कार्यक्रम भी रखे गए जिसमें समाज के सभी लोगों ने भाग लिया जिसमंे संख्या लाखों रही, ऐसे कार्यक्रम 1996 में संघ की स्वर्णजयंती 2009 में पूज्य तनसिंह जी जंयती प्रमुख है। गुजरात में संघ प्रवेश के 40 वर्ष पूर्ण होने पर चतुदशाब्दी समारोह भी हजारों लोगों की भागीदारी से विशाल समारोह के रूप में मनाया गया। 22 दिसम्बर 1991 को संघ की रजत जंयति जोधपुर में मनायी गई। ऐसे समारोहों के अवसर पर संघशक्ति के विशेषांक भी प्रकाशित किए जाते हैं।