बालिकाओं के लिए पृथक शिविरों का आयोजन होता है जो चार अथवा सात दिन के होते हैं। इन शिविरों में बालिकाओं को विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा हमारे गौरवमयी इतिहास और संस्कृति से परिचित कराया जाता है। शिविर का संचालन वरिष्ठ स्वयंसेविकाओं द्वारा माननीय संघप्रमुख श्री अथवा किसी वरिष्ठ स्वयंसेवक के निर्देशन में किया जाता है। शिविर स्थल पर अन्य किसी भी पुरुष का प्रवेश पूर्णतया वर्जित रहता है।