हमारी सनातन व्यवस्था में परिवार जीवन का महत्वूपर्ण आधार है। परिवार पति एवं पत्नी मिलकर बनाते हैं। पति एवं पत्नी का दायित्व विभिन्न आयुवर्ग में अलग अलग होता है। एक नव-विवाहित दंपति का वैवाहिक जीवन अलग विशेषताओं एवं आवश्यकताओं के लिए होता है तो प्रोढ़ दंपति की विशेषता एवं आवश्यकता भिन्न होती है। इन सब का ध्यान रखते हुए माननीय संघप्रमुख श्री के सान्निध्य मे विभिन्न आयुवर्ग के अलग अलग समूहों में दंपति शिविर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर प्रतिवर्ष आयोजित किए जाते हैं। ये शिविर प्रायः फरवरी माह में आयोजित होते हैं। शिविर के दौरान पारिवारिक उत्तरदायित्वों से निवृत हो आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर होने से संबधित चर्चाएँ होती हैं। शिविरों का वातावरण इतना आनंददायी होता है जैसे हमारे परिवारों के संकुचित घेरे टूट रहे होते हैं और हम सब एक परिवार का हिस्सा बनते जा रहे हैं।