उपरोक्त वर्णित शिविरों के अतिरिक्त छोटे बालकों के लिए बाल शिविरों का भी आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में 6 से 10 वर्ष की आयु तक के बालक भाग ले सकते हैं। खेल और सहगायन बाल शिविर की मुख्य गतिविधियां होती है। इन शिविरों के दौरान बालकों में सामूहिक एवं सहयोगी जीवन के प्रति आकर्षण, सम्मान व प्रेम का बीजारोपण होता है तथा उनके बाल-मन पर सामाजिक बन्धुत्व की अमिट छाप स्थापित हो जाती है। साथ ही अपने हमउम्र साथियों के साथ सकारात्मक माहौल में रहने का अनुभव उनके व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों में निखार लाता है।