संघ की सामान्य शिक्षण प्रक्रिया के अतिरिक्त भी विशेष आवश्यकता हेतु विशेष शिविर आयोजित किए जाते हैं। ये शिविर अनेक प्रकार के होते हैं। जैसे अविवाहित युवा स्वयंसेवकों को वर्तमान में किन सावधानियों का पालन करना चाहिए जिससे वे भविष्य में विवाह के पश्चात उत्कृष्ट पारिवारिक जीवन जी सके, इस हेतु अविवाहित स्वयंसेवकों के शिविर होते हैं। संघ का काम लोक शिक्षण एवं लोक संग्रह का है। इस हेतु कार्यकर्ता का व्यवहार एवं जीवन किस तरह का होना चाहिए इस हेतु कार्यकर्ताओं के विशेष शिविर होते है। संघ कर्म शिक्षण देने एवं लेने दोनों प्रकार का कर्म है, यहाँ शिक्षण देने वाला भी अनवरत सीखता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए शिविरों में शिक्षण किस प्रकार देना है इस के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षकों के विशेष शिविर आयोजित होते हैं। संघ के पुराने स्वयंसेवक जो सांसारिक प्रवाह के आवेग के कारण स्वयं को निरंतर संघ के संपर्क मे नहीं रख सके, ऐसे लोगों के लिए विशेष मिलन शिविर आयोजित किये जाते हैं। समाज में विभिन्न व्यवसायों में जो लोग संलग्न हैं वे अपने व्यवसाय का भली प्रकार संचालन करते हुए किस प्रकार संघ एवं समाज के सहयोगी हो सकते हैं इस हेतु व्यवसाय के अनुसार जैसे शिक्षक शिविर, वकील शिविर, कृषक शिविर, राजनैतिक कार्यकर्ताओं के शिविर आदि विशेष शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। गृहणियों के लिए मांग एवं आवश्यकतानुसार महिला शिविर भी आयोजित किए जाते हैं।