दो प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर कर चुका शिविरार्थी माध्यमिक प्रशिक्षण शिविर कर सकता है। ये शिविर सात दिन के होते हैं एवं अधिकांशतः मध्यावधि अवकाश या शीतकालीन अवकाश में आयोजित होते हैं। इन शिविरों में चर्चाओं के विषय संघ दर्शन के आधार पर होते हैं। पूज्य तनसिंह जी एवं पूज्य आयुवान सिंह जी रचित साहित्य पर चर्चाएँ होती हैं। संघ के उद्देश्य एवं कर्म प्रणाली को विस्तार से समझाया जाता है। इन सब सैद्धांतिक बातों को खेलों व दैनिक जीवन व्यवहार के माध्यम से जाँचा जाता है एवं सहगीतों के माध्यम से भावों को दृढ़ता प्रदान की जाती है। यज्ञादि का आयोजन किया जाता है एवं शिविरार्थियों को यज्ञ करना सिखाया जाता है। ये शिविर प्रायः जिला स्तर या दो जिलों के बीच एक शिविर आयोजित किए जाते हैं।