गोता (अहमदाबाद) जानरा (जैसलमेर), पांसवाल (बनासकांठा), सिराणा व सारंगवास (पाली) में कार्यक्रम सम्पन्न
हीरक जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों के क्रम में 15 व 16 सितंबर को भी विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित हुए। मध्य गुजरात संभाग में गोता (अहमदाबाद) स्थित श्री हरेन्द्र सिंह सरवैया राजपूत समाज भवन में स्नेहमिलन कार्यक्रम माननीय संरक्षक श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर के सान्निध्य में 15 सितंबर को सम्पन्न हुआ। माननीय संरक्षक श्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि जो कुछ भी इस संसार में हैं वह सभी ईश्वर का है। जब हम इसको ईश्वर का ना मानकर अपना मान लेते हैं तभी हम विकारग्रस्त होकर पतन की ओर चल पड़ते हैं। इसलिए त्यागपूर्वक जीवन जीते हुए जो कुछ हमें ईश्वर ने उपलब्ध कराया है उसका सदुपयोग करना हमारा कर्तव्य है और इसी में हमारा कल्याण भी निहित है। कार्यक्रम को जागृति बा हरदासकाबास ने भी संबोधित किया। मातृशक्ति सहित सैकड़ों समाजबंधु कार्यक्रम में उपस्थित रहे। हीरक जयन्ती वर्ष में 75 बड़े कार्यक्रमों की श्रृंखला में जैसलमेर संभाग में मल्हाण बाई का स्मृति समारोह उनकी तपोभूमि जानरा में 16 सितंबर को मनाया गया। केंद्रीय कार्यकारी प्रेम सिंह रणधा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म व्याख्या का नहीं बल्कि आचरण का विषय है। संघ का प्रशिक्षण हमारे स्वधर्म को हमारे आचरण का अंग बनाने की प्रक्रिया है। नरसिंह चारणवाला, भवानी सिंह मुंगेरिया, हीर कंवर बैरसियाला ने भी अपने विचार रखे। बनासकांठा प्रान्त में पांसवाल स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर में महिला स्नेहमिलन 16 सितंबर को आयोजित हुआ। वरिष्ठ स्वयंसेविका जागृति बा हरदासकाबास ने उपस्थित बालिकाओं को संघ के उद्देश्य व कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की। पाली प्रान्त के सिराणा व सारंगवास में पाबूजी राठौड़ की जयन्ती 16 सितंबर को मनाई गई जिनमें स्वयंसेवकों व समाजबंधुओं ने पाबूजी के स्वधर्म पालन हेतु किए गए बलिदान को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।