चार दिन, तेरह शिविर, 2100 शिविरार्थी: अनवरत चल रही है श्रृंखला

14 से 17 सितम्बर की अवधि में विभिन्न स्थानों पर श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुए, जिनके संक्षिप्त समाचार इस प्रकार है:- गोडवाड़ प्रान्त में नाडोल स्थित आशापुरा माताजी मंदिर में चार दिवसीय शिविर संपन्न हुआ, जिसमें गुडा केसर सिंह, आकड़ावास, गुडा अखेराज, जवाली, माडपुर, सुमेर, बोलागुड़ा, गुडा आसकरण, नारलाई, मारवाड़ जंक्शन, बागोल, भीमजी गुडा, डुठारिया एवं घेनड़ी सहित रानी,बाली एवं देसूरी समिति के अनेक गांवों से 126 बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री मोहब्बत सिंह धींगाणा ने हीर सिंह जी लोड़ता के सहयोग से किया। शिविर की आयोजन व्यवस्था श्री हुकम सिंह आकड़ावास ने अन्य ग्रामवासियों के सहयोग से संभाली। विदाई के दिन शिविरार्थियों के अभिभावकों एवं अन्य समाज-बंधुओं का स्नेहमिलन रखा गया, जिसमें केंद्रीय कार्यकारी श्री प्रेम सिंह रणधा का सान्निध्य प्राप्त हुआ। 14 से 17 सितम्बर की अवधि में ही एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर नाचना-फलौदी प्रान्त के बीठे का गांव में श्री गणपत सिंह अवाय के सञ्चालन में संपन्न हुआ। शिविर में भादरिया, दिधु, नाचना, अवाय, ऐटा, खारा, टावरी वाला, पूनम सिंह की ढाणी, नोख, बीठे का गाँव, मेङी का मगरा, बेरा दैदावता, जैमला आदि गाँवो के 100 स्वयंसेवको ने क्षत्रियोचित संस्कारों का प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर की पूर्ण व्यवस्था ग्रामवासियों ने की, जिसमें श्री हरि सिंह एवं लाल सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई । इसी प्रकार जोधपुर संभाग के शेरगढ़ प्रान्त में देचू पंचायत समिति के सगरा गाँव में शिविर आयोजित हुआ, जिसमें 350 से अधिक शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री चंद्रवीरसिंह देणोक ने शिविर का संचालन करने के लिए शिविरार्थियों को 27 घटों में विभाजित किया। श्री अर्जुन सिंह सगरा व अन्य ग्रामवासियों ने व्यवस्था संभाली। जोधपुर शहर प्रान्त के सेनाई गाँव में भी इसी अवधि में शिविर आयोजित हुआ, जिसमें सेनाई, धनवाँ, सिणली, पीपरली, बेदू, कागनाडा आदि गाँवों के साथ ही चौपासनी, तनायन एवं पंचवटी छात्रावास के बालकों ने भी भाग लिया। शिविर में संख्या 124 रही तथा सञ्चालन श्री भवानी सिंह पीलवा ने किया। जालोर संभाग के सांचोर प्रान्त के सिवाडा गाँव में भी इसी समय शिविर आयोजित हुआ। शिविर में सिवाड़ा, सुरावा, कारोला, पांचला, आकोली, चारणीम, सांचोर आदि स्थानों से 125 शिविरार्थी सम्मिलित हुए। शिविर का संचालन श्री सुमेर सिंह कालेवा ने शक्ति सिंह आशापुरा सहित अन्य स्वयंसेवकों के सहयोग से किया। चार दिवसीय शिविरों की इसी श्रृंखला में कल्याणपुर क्षेत्र के थोब गाँव के किकाजी बापजी स्थान पर शिविर आयोजित हुआ, जिसमें बालोतरा, बायतु, कल्याणपुर क्षेत्र के लगभग 80 गाँवों से 200 से अधिक शिविरार्थी उपस्थित रहे। शिविर का संचालन श्री राण सिंह टापरा ने किया। इसी अवधि में एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर डूंगरपुर जिले के वणवासा गाँव में सम्पन्न हुआ।शिविर संचालक श्री गंगा सिंह जी साजियाली के निर्देशन में बालको को क्षत्रियोचित संस्कारो की शिक्षा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रदान की गई। वागड प्रान्त के वणवासा, पचलासा बड़ा, पचलासा छोटा, घाटड़ा, फतेहगढ़, भेकरेड, वालाई आदि गाँवों के 75 बालकों ने शिविर में भाग लिया। इसी प्रकार एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर बाँसवाडा जिले के करगचिया गाँव में सम्पन्न हुआ, जिसमें 45 बालकों ने भाग लिया। शिविर का सञ्चालन श्री भंवर सिंह बेमला ने किया। शिविर के अन्तिम दिन आस-पास के गाँवों से बड़ी संख्या में समाजबंधू विदाई समारोह में उपस्थित हुए।। शिविर के दौरान वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी रखा गया। सिवाणा प्रान्त के धनवा गाँव स्थित भोलाराम जी के मंदिर में भी 14 से 17 सितम्बर तक शिविर आयोजित हुआ, जिसमें क्षेत्र के 300 से अधिक राजपूत युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। संभाग प्रमुख श्री मूल सिंह काठाडी के निर्देशन में शिविर का संचालन श्री मनोहर सिंह नांदला ने किया। विदाई के दिन आयोजित स्नेहमिलन में शिविरार्थियों को वरिया मठ के महन्त श्री नारायण भारती जी एवं भोलाराम जी मंदिर के महंत श्री जलाराम जी का भी सान्निध्य प्राप्त हुआ। बाड़मेर के शिव प्रान्त के जालेला गाँव में भी इसी समय शिविर संपन्न हुआ। शिविर का सञ्चालन श्री गणपत सिंह बूठ जैतमाल ने श्री महिपाल सिंह चूली के सहयोग से किया। गुलाब सिंह व महेंद्र सिंह जालेला ने शिविर की व्यवस्था संभाली। शिविर में 200 से अधिक संख्या रही। सिरोही जिले के भूतगांव में श्री गणपत सिंह भवरानी के सञ्चालन में शिविर संपन्न हुआ, जिसमें सिरोही के भूतगांव, मनोरा, मांडानी, झाडोली, जावाल, उथमन, कानदर आदि गांवों के साथ ही जालोर, सायला, सियाना व जसवंतपुरा के 105 युवक एवं बालक सम्मिलित हुए। दलपत सिंह जी तथा हड़मत सिंह जी भूतगांव ने अन्य ग्रामवासियों के साथ मिलकर व्यवस्था संभाली। पारसरा-फलसुण्ड में भी 14 से 17 सितम्बर की अवधि में प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ। शिविर में 250 से अधिक शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। श्री सांवल सिंह सनावड़ा ने शिविर का सञ्चालन किया। नागौर संभाग के लाडनू प्रांत के बैनाथा गाँव में भी इसी समयावधि में शिविर आयोजित हुआ, जिसमें 82 राजपूत युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री श्याम सिंह छापङा ने किया। इस प्रकार 4 दिन की इस अवधि में 13 शिविर संपन्न हुए, जिनमें सैकड़ों गाँवों के 2100 से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।