तनसिंह जी की पीड़ा को हमारे हृदय में जगाने का उपक्रम है शिविर – संघप्रमुख श्री
हम उस कौम से आते हैं जिस कौम ने जीवन के हर क्षेत्र में ऐसी सीमाएं बाँधी हैं जिन्हें संसार मे कोई अन्य छू नहीं पाया। चाहे वो वीरता का क्षेत्र हो, धर्म का क्षेत्र हो, अध्यात्म का क्षेत्र हो, भक्ति का क्षेत्र हो या साहित्य सृजन का क्षेत्र हो। हमारे पूर्वजों ने सदैव स्वयं आदर्श बन कर संसार को मार्ग दिखाया। लेकिन आज दूसरों को मार्ग दिखाना तो दूर रहा, हम स्वयं भटक रहे हैं। ऐसी महान कौम की ऐसी दुर्दशा के प्रति पूज्य तनसिंह जी के हृदय में जन्मी पीड़ा ही श्री क्षत्रिय युवक संघ के जन्म का कारण बनी। उसी पीड़ा का हमारे हृदय में भी जागरण हो उसी उद्देश्य से संघ ऐसे शिविरों का आयोजन करता है। उपरोक्त संदेश माननीय संघप्रमुख श्री लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास ने नागौर जिले के लाडनूं क्षेत्र में रायधना में आयोजित श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रशिक्षण शिविर में शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए दिया। 25 से 50 वर्ष की आयु वर्ग के लिए 27 फरवरी से 1 मार्च तक आयोजित इस शिविर का संचालन केन्द्रीय कार्यकारी रेंवत सिंह पाटोदा ने किया। शिविर में अजमेर, पाली, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, जालोर, टोंक, जयपुर, गंगानगर, बीकानेर, चुरु, सीकर, हनुमानगढ, नागौर आदि जिलों के सहयोगियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।