शाखा में होता है संस्कारों का सृजन- संघप्रमुखश्री

"श्री क्षत्रिय युवक संघ रूपी वृक्ष का एक भाग है शाखा। जिस प्रकार एक पौधे की टहनियां पौधे को सौन्दर्य प्रदान करती है, ठीक इसी प्रकार से शाखा हमारे भीतर संस्कारों का सृजन कर हमारे जीवन को आनंदमय बनाती है। यहाँ छोटी छोटी बातों से महान व्यक्तित्व का निर्माण करने का कर्म सम्पादित होता है। खेल-खेल में हम ईमानदारी सीखते हैं, अनुशासन सीखते हैं। प्रार्थना एवं सहगीतो से अच्छी बातें सीखकर हम अपने दुर्गणों को हटाने का अभ्यास करते हैं। जो अपने दुर्गुणों को दूर करना चाहता हैं वह शाखा में आए। जिसको जागृत होना हो वह शाखा में आए।" उपरोक्त सन्देश माननीय संघप्रमुखश्री ने जैसलमेर स्थित संघ कार्यालय 'तनाश्रम' में आयोजित जैसलमेर शहर प्रान्त की सामूहिक शाखा में दिया, जिसमें शहर की विभिन्न शाखाओ के लगभग 100 स्वयंसेवक उपस्थित थे।