शिविरों की श्रृंखला में जुड़े 10 और शिविर

श्री क्षत्रिय युवक संघ के शिविरों की श्रृंखला निरंतर चल रही है, जिसमें 31 अगस्त से 04 सितम्बर की समयावधि में 10 नए शिविर जुड़े। इन शिविरों के संक्षिप्त समाचार इस प्रकार है- पाली जिले के कोलर ग्राम में प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर 31 अगस्त से 3 सितम्बर तक संपन्न हुआ। शिविर में देसूरी मंडल के लगभग 90 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर सञ्चालन मोहब्बत सिंह धिंगाणा ने बहादुर सिंह सारंगवास के सहयोग से किया। शिविर में मेवी भाणका, गुड़ा आसकरण, गुड़ा रामसिंह, गुड़ा केशरसिंह, मगरतलाव, बागोल, मानी बासनी आदि गाँवों से राजपूत बालकों ने प्रशिक्षण लिया। शिविर के समापन पर एक स्नेहमिलन भी रखा गया, जिसमें केंद्रीय कार्यकारी श्री प्रेम सिंह रणधा का सान्निध्य मिला। योगेन्द्र सिंह बासनी, श्रवणसिंह सांसरी ने शिविर व्यवस्था में सहयोग किया। इसी अवधि में एक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर श्रीमोडिया महादेवजी बगेरिया, बिजयपुर, चित्तौडगढ मे संपन्न हुआ। शिविर संचालन भँवर सिंह बेमला ने हर्षवर्धन सिंह भीमपुर, सवाई सिंह बिजेरी, भगत सिंह बेमला, जीवन सिंह जी नरधारी के सहयोग से किया। शिविर-व्यवस्था गोपाल शरण सिंहजी सहाडा, दिग्विजय सिंह बिजयपुर, विरेन्द्र सिंह तलावदा, लक्ष्मण सिंह भाटियो का खेडा, चन्द्रवीर सिंह साजियाली आदि ने संभाली। शिविर के दौरान महन्त श्री शीतल दास जी का सान्निध्य भी बालकों को प्राप्त हुआ। बिजयपुर रावसाहब भी शिविर देखने आए। शिविर के दौरान आने वाली जलझूलनी एकादशी पर शिविरार्थियों ने नदी स्नान का भी आनंद लिया। शिविर में संख्या 75 रही। इसी अवधि में जयपुर ग्रामीण प्रान्त के कालवाड़ रोड स्थित सांचोती गाँव में सुरेन्द्र सिंह कासेडा के फार्म हाउस पर शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें ढिंढा, सरना चोड़, रोजना आदि गाँवों तथा जयपुर प्रांत की विभिन्न शाखाओं से लगभग 90 बालकों ने भाग लिया।शिविर संचालन श्री राम सिंह आकदड़ा ने सुधीर सिंह ठाकरियावास, देवेन्द्र सिंह सिंघाणा, महेंद्र सिंह दौलतपुरा, विक्रम सिंह गुगडवार, देवेन्द्र सिंह बड़वाली, श्याम सिंह जोरावर नगर, चितरंजन सिंह आलसर आदि के सहयोग से किया। शिविर के प्रथम दिन केन्द्रीय कार्यकारी गजेन्द्रसिंह आऊ का मार्गदर्शन मिला। जयपुर संभाग के दौसा प्रान्त का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर झापड़ावास गाँव स्थित मनसा माता मंदिर में 31अगस्त से 03सितम्बर तक आयोजित हुआ। शिविर में झापड़ावास, बहरावण्डा, लांका, मलारणा, मोचींगपुरा, कारोली, बाढ़, राणोली, लिखली, श्रीपुरा आदि गाँवों के 80 क्षत्रिय बालक उपस्थित रहे। शिविर संचालन श्री जीतेन्द्र सिंह सिसरवादा ने किया। शिविर के अंतिम दिन संभाग प्रमुख श्री विक्रम सिंह सिंघाणा एवं केंद्रीय कार्यकारी श्री गजेन्द्र सिंह आऊ ने शिविर का दौरा किया। भीलवाड़ा प्रान्त का बालिका प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर भी इसी अवधि में भीलवाड़ा-देवगढ़ रोड पर स्थित आंजना महादेव राजपूत धर्मशाला में आयोजित हुआ, जिसमें भीलवाड़ा, राजसमन्द एवं पाली जिलो के देवगढ़, नीमझर, भारतसिंहजी का गुड़ा, लालसिंहजी का खेड़ा, कणवेरा, इशरमण्ड, चवला रेल का खेड़ा, कुन्दवा, बलेव, उमरी, बिलाखी, लसाणी, काकरोद, माण्डावाड़ा, कुँवारिया, आँजनेश्वर आदि गाँवों की 150 बालिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का सञ्चालन श्रीमती लक्ष्मी कँवर खारड़ा ने किया। संभाग प्रमुख श्री गंगा सिंह साजियाली व प्रान्त-प्रमुख श्री ब्रजराज सिंह खारड़ा भी शिविर में उपस्थित रहे। बीकानेर जिले की डूंगरगढ़ तहसील के बरजांगसर गाँव में 1 से 4 सितम्बर तक प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में बरजांगसर, लखासर, झंझेऊ, जाखासर, केऊ, नौसरिया-निगसरिया, नारसीसर, आलसर, पुन्दलसर, सेरुणा, धर्मार्थ आशापुरा, भेळू आदि गाँवों से 115 राजपूत बालकों एवं युवाओं ने शिविर संचालक गुलाब सिंह आशापुरा की निर्देशन में प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर में वरिष्ठ स्वयंसेवक कान सिंह बोघेरा, ईश्वर सिंह चनाणा, भरतसिंह सेरुणा, भंवर सिंह उदट, केऊ सरपंच रतनसिंह आदि उपस्थित रहे। शिविर व्यवस्था में जयसिंह, सवाईसिंह बरजांगसर तथा महंत श्री बिशनसिंह जी महाराज ने सहयोग किया। बीकानेर स्थित संघ कार्यालय नारायण निकेतन में संघ का दो दिवसीय बाल शिविर 2-3 सितम्बर को आयोजित हुआ। शिविर में शहर के 52 बालकों ने भाग लेकर अपने धर्म एवं संस्कृति का परिचय प्राप्त किया। शिविर संचालन श्री चंद्रवीर सिंह गोकुल ने खींव सिंह जी सुल्ताना, शक्ति सिंह जी आशापुरा, मनोहर सिंह जी गुढा, हड़वन्त सिंह आशापुरा, सवाई सिंह जी नंदेरा आदि के सहयोग से किया। गुजरात के मोरचंद प्रान्त के अवाणियां ग्राम में प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर 2 से 4 सितंबर तक अवाणियां कन्या शाला में संपन्न हुआ, जिसमें 105 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का सञ्चालन श्री धर्मेन्द्र सिंह आम्बली ने छनुभा पच्छेगाम एवं हितेन्द्र सिंह नारी के सहयोग से किया। शिविर में वनराजसिंह चूड़ी, घनश्यामसिंह तनसा, नवदीपसिंह अवाणियां, शक्तिसिंह अवाणियां, हितेंद्रसिंह मोरचंद, अजयसिंह अवनिया, कर्मजीतसिंह शामपरा, कृष्णसिंह थलसर आदि स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण में सहयोग किया। इसी प्रकार 31अगस्त से 03 सितम्बर तक मध्य गुजरात संभाग के अहमदाबाद शहर प्रान्त के नवा नरोडा गाँव में भी प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ। शिविर का आयोजन SML कैम्पस, अपोलो कॉलेज में हुआ जिसमें लगभग 100 क्षत्रिय बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन श्री अनिरुद्ध सिंह काणेटी ने सहदेव सिंह मूली, जगत सिंह वलासना, जयदीप सिंह मेवड, महावीर सिंह जी हरदासकाबास, रविराज सिंह, सूर्यदेव सिंह, दिग्विजय सिंह काणेटी के सहयोग से किया। पूर्णचंद्रसिंह छेल्ली गोडी, अर्जुनसिंह आसारवा, करणसिंह वलासना, अनरसिंह मींदूडा, भूपेंद्रसिंह, प्रतापसिंह आदि ने शिविर में सहयोग किया। गुजरात के ही गांधीनगर में माणसा तहसील में स्थित पडुस्मा गाँव की पाठशाला में प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर 01 से 03 सितंबर तक श्री दिग्विजय सिंह पलवाडा के संचालन में संपन्न हुआ। शिविर में क्षेत्र के 22 गाँवों से 270 राजपूत बालकों ने भाग लेकर क्षात्र-धर्म एवं संस्कृति का प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर के दौरान पडुस्मा गाँव से मातृशक्ति भी शिविर स्थल एवं शिविर की गतिविधियों के देखने के लिए पधारीं।