साधना में आवश्यक हैं निरंतरता और जागृति – संघप्रमुख श्री

किसी भी साधना में निरंतरता और जागृति का होना आवश्यक है। श्री क्षत्रिय युवक संघ की साधना में भी यह दोनों तत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोरोना की प्राकृतिक आपदा के कारण दो वर्ष तक उच्च प्रशिक्षण शिविर आयोजित न होने से निरंतरता में जो व्यवधान आया है उसे दूर करके हमें पुनः कर्म में जुटना है। इन ग्यारह दिनों में जितना हम स्वयं को श्री क्षत्रिय युवक संघ को सौंपेंगे उतना ही हमारे जीवन में निखार आएगा, किंतु यदि इस अवसर को हमने खो दिया तो हम अपनी साधना में पीछे रह जाएंगे। इसलिए प्रतिक्षण जागृत रहकर दिए गए निर्देशों के अनुरूप चलते रहें तो यह शिविर हमारे जीवन को परिवर्तित करने वाला बनेगा। उपरोक्त संदेश माननीय संघप्रमुख श्री लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास ने आज से आलोक आश्रम बाड़मेर में प्रारंभ हुए उच्च प्रशिक्षण शिविर में शिविरार्थियों का स्वागत करते हुए दिया। 19 से 29 मई तक चलने वाले शिविर में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से लगभग 400 शिविरार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।