10 प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर संपन्न

संघ के इस सत्र के शिविरों की श्रृंखला अनवरत चल रही है। इसी कड़ी में 8-12 अक्टूबर की 5 दिन की अवधि में 10 प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुए, जिनमें 2 बालिका शिविर भी सम्मिलित हैं। इन शिविरों के संक्षिप्त समाचार इस प्रकार है- 8-11 अक्टूबर तक दो बालिका शिविर जैसलमेर और सीकर जिलों में संपन्न हुए। जैसलमेर स्थित जवाहिर राजपूत छात्रावास में आयोजित शिविर का सञ्चालन संतोष कँवर सिसरवादा ने किया। वरिष्ठ स्वयंसेवक रामसिंह माडपुरा एवं गोपाल सिंह रणधा भी शिविर में उपस्थित रहे। सीकर के महरौली गाँव के हठी समाज भवन में आयोजित शिविर में 94 बालिकाओं ने भाग लिया। सञ्चालन कल्पना कँवर सिंघाना ने किया। सीकर के ही मुंडरू गाँव में बालकों का शिविर भी इसी अवधि में संपन्न हुआ। शिविर का सञ्चालन राजेंद्र सिंह बोबासर ने राम सिंह आकदड़ा के सहयोग से किया। शिविर में 42 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। 8-11 अक्टूबर तक दौसा प्रान्त का प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर शहर से बाहर सुरजपुरा रोड के निकट नवदुर्गा कंपनी के परिसर में संपन्न हुआ। यहाँ मदनसिंह बामणिया के सञ्चालन में उदयपुरा, लिखली, झापड़ावास, मोचींगपुरा, जिरोता, चावन्डेडा, गांवड़ी, बरखेड़ा, खेड़ली, सुमेल, टांई, छापोली आदि गाँवों के 75 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसी प्रकार चुरू जिले में राजगढ़ क्षेत्र में स्थित लोकदेवता गोगाजी चौहान की जन्मस्थली ददरेवा गाँव में शिविर संपन्न हुआ, जिसमें महलाना, मानपुरा, लाखलाण, सेऊवा आदि गाँवों के राजपूत युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर का संचालन राजेंद्र सिंह आलसर ने किया तथा आसुसिंह सेऊवा, मदनसिंह लाखलाण, लोकेन्द्रसिंह ददरेवा, मातूसिंह मानपुरा ने आयोजन-व्यवस्था में सहयोग किया। इसी अवधि में भीलवाड़ा जिले के अभयपुरा में बंजारी का देवरा स्थान पर संपन्न शिविर में 80 युवकों ने ब्रजराज सिंह खारड़ा के सञ्चालन में प्रशिक्षण प्राप्त किया। नागौर जिले में भी इसी अवधि में 2 शिविर संपन्न हुए। भंडारी में आयोजित शिविर का संचालन नत्थू सिंह छापड़ा ने किया, जिसमें 81 शिविरार्थी उपस्थित रहे। डेह गाँव में आयोजित शिविर में खींव सिंह सुलताना के सञ्चालन में 130 बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। 9-12 अक्टूबर तक जैसलमेर के लोद्रवा गाँव तथा बीकानेर के कोलायत तहसील के गाँव गोकुल में दो शिविर संपन्न हुए। लोद्रवा में आयोजित शिविर में 117 बालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। सञ्चालन रतनसिंह बडोडागांव ने किया। गोकुल शिविर का सञ्चालन दयाल सिंह किशोरपुरा ने किया, जिसमें 100 शिविरार्थियों ने भाग लिया।