विभिन्न प्रान्तीय स्नेहमिलन संपन्न
29 और 30 मई 2017 को विविध स्थानों पर स्नेहमिलन आयोजित हुए, जिनका विवरण इस प्रकार है- नागौर प्रान्त:- नागौर प्रान्त का स्नेह मिलन आज दिनांक 30.05.2017 को प्रान्त प्रमुख श्री उगम सिंह आशापुरा के आवास पर आयोजित किया गया। स्नेह मिलन प्रातः 11बजे गणेश वंदना के साथ प्रारम्भ हुआ। माननीय संघप्रमुख श्री के निर्देशानुसार प्रान्त प्रमुख द्वारा स्वयंसेवकों को विभिन्न उत्तरदायित्व दिए गए। नागौर प्रान्त के अंतर्गत नागौर, खींवसर, जायल और मेड़ता मडंल रखे गए हैं। आगामी सत्र में संघ कार्य की योजना बनाकर उसे लिखित रूप प्रदान किया गया, जिससे 10-11 जून को बाड़मेर में होने वाले शिविर में योजना प्रस्तुत की जा सके। वर्ष भर में स्नेहमिलन, शिविर, शाखाओं, सम्पर्क यात्राओं के आयोजन और संघशक्ति व पथ-प्रेरक की सदस्यता बढाने पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम के अंत में सामूहिक भोजन हुआ। स्नेहमिलन में उगमसिंह गोकुल, जब्बरसिंह खारी, विक्रम सिंह खारी, जबरसिंह दौलतपुरा, नाथुसिंह छापड़ा, नरवीर सिंह छापड़ा, श्याम सिंह छापड़ा, किशोर सिंह छापड़ा, रविंद्र सिंह जाखण, प्रभु सिंह भुंडेल आदि उपस्थित थे। मेवाड़-वागड़ क्षेत्र श्री क्षत्रिय युवक संघ का मेवाड़-वागड़ क्षेत्र का स्नेहमिलन विद्या निकेतन स्कूल, गाँधी नगर,चित्तौडगढ मे वरिष्ठ स्वयं सेवक दुर्गा सिंह जी रूद के सान्निध्य में 30.05.2017 को सम्पन्न हुआ। इसमे अजमेर, भीलवाडा, चित्तौडगढ, उदयपुर, वागड, मालवा प्रान्तो के स्वयं सेवक उपस्थित रहे। स्नेहमिलन में विभिन्न स्वयंसेवकों को सह प्रान्त प्रमुख, मण्डल प्रमुख के उत्तरदायित्व सौंपे गए। आगामी सत्र में शिविर आयोजन,नई शाखाएं लगाना, संघ शक्ति,पथप्रेरक के ग्राहको का लक्ष्य, आगामी पूज्य तन सिहंजी की जयन्ती 25 जनवरी 2018 को बडे स्तर पर उदयपुर में मनाने के भी निर्णय लिए गए। कार्यक्रम में मेवाड़ के सम्भाग प्रमुख श्री गंगा सिंह साजियाली व उदयपुर संभाग प्रमुख श्री भंवर सिंह बेमला भी उपस्थित रहे। भाल प्रान्त, गुजरात:- गुजरात के भाल प्रान्त का स्नेहमिलन धोलेरा में 30.05.2017 को संपन्न हुआ। स्नेहमिलन में वरिष्ठ स्वयंसेवक अम्बाप्रताप सिंह धोलेरा और प्रान्त प्रमुख जयपाल सिंह धोलेरा ने स्वयंसेवकों से संघ कार्य के विस्तार पर चर्चा की। शाखाओं के विस्तार पर विशेष चर्चा की गई। आगामी वर्ष में शिविर आयोजन, नियमित स्नेहमिलन, नई शाखाएँ, जयंती कार्यक्रम आदि के उत्तरदायित्व विभिन्न स्वयंसेवकों को सौंपे गए। इस वर्ष प्रान्त में दो प्राथमिक व एक माध्यमिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। प्रान्त के तीनों मण्डलों के लिए मंडल प्रमुख और सह-प्रान्त प्रमुख भी प्रान्त प्रमुख द्वारा नियुक्त किये गए।