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विरात्रा में बालिका उच्च प्रशिक्षण शिविर संपन्न

बाड़मेर जिले में चौहटन के विरात्रा में वाकल माता मंदिर परिसर में चल रहा बालिकाओं का ग्यारह दिवसीय उच्च प्रशिक्षण शिविर आज 29 मई को संपन्न हुआ। बालिकाओं को विदाई देते हुए शिविर संचालिका जागृति बा हरदास...

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बार बार स्मरण से दृढ़ होता है संकल्प – संघप्रमुख श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर रूपी यज्ञ की पूर्णाहुति) जो अपना है उसे हम भूलते नहीं है। श्री क्षत्रिय युवक संघ भी मेरा है अगर यह दायित्व बोध आ जाएगा तो हम संघ को नहीं भूलेंगे लेकिन इसे यदि जीवन के अन्य कार...

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त्वरित गति और तत्परता से करें संघकार्य – संरक्षक श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का दसवाँ दिन) ईशोपनिषद में कहा गया है कि ईश्वर ने हमें इस धरती पर भेजा है, यह जीवन दिया है तो हम 100 वर्ष तक भगवान द्वारा नियत कर्म, करणीय कर्म को करते हुए जीने की कामना करें।...

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इतिहास से ही बनता है चरित्र – संरक्षक श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का नवां दिन) चरित्र इतिहास से और पूर्वकाल के संस्कारों से ही बनता है। शौर्य, वीरता, तेज जैसे गुण पीढ़ियों से जिस कौम के रक्त में चलते आए हैं उन्होंने ही इतिहास रचा। चरित्र का ...

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समस्त धन ईश्वर का है – संरक्षक श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का आठवां दिन) भारतीय मनीषियों ने सबसे पहले जो खोज की, अपने ज्ञान, ध्यान और तपस्या से उनके जो अनुभव में उतरा, उन्हें वेद कहते हैं। उन्हीं वेदों का सूक्ष्म रूप उपनिषद है। उनमें ...

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जो जितना देता है, उतना ही श्रेष्ठ – रोलसाहबसर

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का सातवां दिन) "भूतानां प्राणिनः श्रेष्ठाः प्राणिनां बुद्धिजीविनः। बुद्धिमत्सु नराः श्रेष्ठा नरेषु क्षत्रियाः स्मृताः।।" यह मनुस्मृति का श्लोक है। जितने भी प्राणी हैं उनको आध्...

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संस्था का प्राण है अनुशासन – संरक्षक श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का छठा दिन) कोई भी संस्था अथवा कोई भी संगठन होता है तो उसका प्राण उसका अनुशासन है। अनुशासन का अर्थ है शिक्षक की आज्ञाओं का हूबहू पालन करना। किंतु सैन्य अनुशासन और हमारे अनुशास...

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समाज ही है श्री क्षत्रिय युवक संघ का अधिष्ठान – संरक्षक श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का पांचवा दिन) गीता में वर्णित कर्म के पांच कारणों में जो पहला कारण है वह है – अधिष्ठान। अधिष्ठान का अर्थ होता है आधार। श्री क्षत्रिय युवक संघ के लिए समाज ही अधिष्ठान हैं अर्थ...

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माननीय संरक्षक श्री पहुंचे बालिका शिविर में

श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक महोदय भगवान सिंह रोलसाहबसर आज चौहटन के विरात्रा में वाकल माता मंदिर परिसर में चल रहे बालिका उच्च प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे तथा शिविरार्थी बालिकाओं से भेंट की। शिविर ...

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अंतरावलोकन स्वयं एक साधना है – संरक्षक श्री

(उच्च प्रशिक्षण शिविर का चतुर्थ दिन) भगवान के अस्तित्व के बारे में दो मान्यताएं हैं, जो उस अस्तित्व को स्वीकार करते हैं उनको आस्तिक कहते हैं और जो स्वीकार नहीं करते उन्हें हम नास्तिक कहते हैं। आस्त...

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