समाचार

बीकानेर में स्थापना दिवस समारोह की तैयारियों हेतु बैठक

बीकानेर में होने वाले स्थापना दिवस समारोह की तैयारी एवं प्रचार-प्रसार के क्रम में बीकानेर महिला शाखा की बैठक 10 व 12 दिसम्बर को क्रमशः बीकानेर के संघ कार्यालय 'नारायण निकेतन' तथा इंद्रा कॉलोनी में स...

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देश भर में मनाई पूज्यश्री की पुण्यतिथि

पूज्य श्री तनसिंह जी की 38वीं पुण्यतिथि 7 दिसम्बर,2017 को देश भर में विभिन्न स्थानों पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करके मनाई गई, जिनके संक्षिप्त समाचार इस प्रकार है- जयपुर स्थित संघ मुख्यालय 'संघशक्...

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श्री क्षत्रिय युवक संघ स्थापना दिवस समारोह के पोस्टर का विमोचन

बीकानेर: 1 दिसम्बर को श्री क्षत्रिय युवक संघ के स्थानीय संघ कार्यालय नारायण निकेतन में श्री क्षत्रिय युवक संघ के 72 वें स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम दिनांक *22 दिसंबर 2017* के पोस्टर तथा प्रचार सा...

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तनाश्रम(जैसलमेर) में सर्वसमाज स्नेहमिलन व ‘यथार्थ गीता’ वितरण

जैसलमेर स्थित संघ कार्यालय 'तनाश्रम' में 28.11.2017 को सर्वसमाज का स्नेहमिलन आयोजित हुआ, जिसमें माननीय संघप्रमुखश्री द्वारा उपस्थित जनों को निःशुल्क 'यथार्थ गीता' का वितरण किया गया। गीता का महत्त्व ...

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जालोर एवं बीकानेर में स्नेहमिलन व कर्मचारी प्रकोष्ठ की बैठक संपन्न

इस सप्ताहांत में जालोर व बीकानेर में स्वयंसेवको के स्नेहमिलन संपन्न हुए। जालोर संभाग के स्वयंसेवको का स्नेहमिलन कार्यक्रम 25.11.17 को जालोर शहर में श्री गणपत सिंह भवराणी के आवास पर सम्पन्न हुआ। केन्...

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शाखा में होता है संस्कारों का सृजन- संघप्रमुखश्री

"श्री क्षत्रिय युवक संघ रूपी वृक्ष का एक भाग है शाखा। जिस प्रकार एक पौधे की टहनियां पौधे को सौन्दर्य प्रदान करती है, ठीक इसी प्रकार से शाखा हमारे भीतर संस्कारों का सृजन कर हमारे जीवन को आनंदमय बनाती...

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फरीदाबाद में पारिवारिक स्नेहमिलन सम्पन्न

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद स्थित महाराणा प्रताप भवन में श्री क्षत्रिय युवक संघ का पारिवारिक स्नेहमिलन एवं स्नेहभोज का कार्यक्रम 26.11.2017 को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रा...

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बालोतरा में कर्मचारी प्रकोष्ठ की एकदिवसीय कार्यशाला संपन्न

श्री क्षत्रिय युवक संघ के कर्मचारी प्रकोष्ठ की एक दिवसीय कार्यशाला 19.11.2017 को वीर दुर्गादास राजपूत बोर्डिंग, बालोतरा में सम्पन्न हुई। बैठक में संघ के केंद्रीय कार्यकारी श्री रेवन्त सिंह पाटोदा एवं ...

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भारतीय संस्कृति के महत्त्वपूर्ण सूत्र है कर्मवाद और पुनर्जन्मवाद- संघप्रमुख श्री

"माता-पिता हमारे इस संसार में आने के साधन मात्र है, वे हमारे अस्तित्व के मूल स्रोत नहीं है। इस बात को समझते हुए हमें अपने वास्तविक स्वरुप को पहचानने का प्रयास करना चाहिए। माता-पिता द्वारा मिला यह शरीर...

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संस्कार निर्माण ही है वास्तविक शिक्षण- संघप्रमुख श्री

"आने वाली पीढ़ी को संस्कारित बनाने से ही एक श्रेष्ठ और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण संभव है। आज की शिक्षा प्रणाली में संस्कार-निर्माण को कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा है। विदेशियों की नीतियों पर आधारित यह श...

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