जलो तो ए दीपक ! उस महफिल में जलना, जिसका प्रकाश समय ने लूट लिया है। जियो तो बन्धु ! वह जीवन जीना, जिसकी इतिहास बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है। पियो तो ए पीने वाले ! उस मस्ती को पीना, जिसे पीकर मौत भी अपना होश गंवा देती है। बरसो तो ए बून्द ! वहाँ बरसना, जहाँ दरिया उमड़ रहा है। ले सको तो ए सागर ! इस अभागे समाज की व्यथा और पीड़ा को जितना ले सको ले लो। और दे सको तो ए बन्धु ! उस मुस्कुराहट को दो, जो तेल और सिंदूर भी पाकर कृतकृत्य होती रहे। और हे पत्थर ! रह सको तो नींव में रहकर चूं मत करना, मैं तुम्हारे ही ऊपर मेरी आशाओं का सत मंजिला महल खड़ा करना चाहता हूँ। बन्धु मेरे गले में बाँहें डालकर स्नेह से झूल उठा।

पूज्य तन सिंह जी

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संघशक्ति – नवम्बर, 2024

पथप्रेरक 04-11-2024

परिचय

श्री क्षत्रिय युवक संघ एक सामाजिक संगठन है जो समाज में संस्कार निर्माण के उद्देश्य से कार्य करता है। पूज्य श्री तनसिंह जी श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक हैं जिन्होंने इसकी स्थापना 22 दिसंबर,1946 को की थी। संघ अपनी 'सामूहिक संस्कारमयी मनोवैज्ञानिक कर्मप्रणाली' के माध्यम से समाज में क्षात्रवृत्ति की पुनर्स्थापना का कार्य कर रहा है। 'परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम' के मूल मंत्र पर चलते हुए श्री क्षत्रिय युवक संघ क्षत्रिय जाति को त्याग व बलिदान रूपी स्वधर्म के मार्ग पर पुनः आरूढ़ करने के लिए प्रयत्नशील है। अधिक जानें

श्री क्षत्रिय युवक संघ एकचालुकाअनुवर्तित्व के सिद्धांत पर चलने वाला संगठन है अतः संघ के संस्थापक पूज्य श्री तनसिंह जी का जीवन और उनके विचार सभी स्वयंसेवकों के लिए अक्षय प्रेरणा का मूल स्रोत हैं। वे ही संघ के मूल प्रणेता हैं। साथ ही संघ के द्वितीय संघप्रमुख - श्रद्धेय आयुवान सिंह जी हुडील, तृतीय संघप्रमुख - श्रद्धेय नारायणसिंह जी रेड़ा तथा वर्तमान संघप्रमुख - माननीय भगवान सिंह जी रोलसाहबसर भी संघ के स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अधिक जानें

श्री क्षत्रिय युवक संघ के सर्वोच्च सहयोगी संघ प्रमुख होते हैं, जिनका प्रति पांच वर्ष में संघ के योग्य मतदाता स्वयंसेवकों द्वारा निर्वाचन किया जाता है। माननीय संघप्रमुख श्री द्वारा प्रति वर्ष ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण शिविर में संगठन के सुचारू संचालन के लिए अपने सहयोगियों में केंद्रीय स्तर पर संचालन प्रमुख, केंद्रीय कार्यकारी एवं विभाग प्रभारी नियुक्त किए जाते हैं। अधिक जानें

किसी भी संगठन को विभिन्न सांगठनिक कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए कार्यालय की आवश्यकता होती है। जयपुर में संघ का केंद्रीय कार्यालय 'संघशक्ति' स्थित है। इसी प्रकार विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित हैं। यथा- तनायन (जोधपुर), आयुवान निकेतन (कुचामन, नागौर), नारायण निकेतन (बीकानेर), तनाश्रय (जैसलमेर), शक्तिधाम (गुजरात) आदि। अधिक जानें

श्री क्षत्रिय युवक संघ का कार्य वर्तमान में पूरे देश में ही नहीं विदेशों में भी विस्तार पा रहा है। राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली आदि राज्यों में निरंतर संघ के शिविर लग रहे हैं। अधिक जानें

श्री क्षत्रिय युवक संघ के संबंध में एक नये व्यक्ति के मन में अनेकों प्रश्न होना स्वाभाविक है। सामान्यतया पूछे जाने वाले ऐसे कुछ प्रश्न तथा उनके संक्षिप्त उत्तर यहाँ प्रस्तुत हैं। प्रश्नोत्तर पढ़ने के लिए 'अधिक जानें' पर क्लिक करें.. अधिक जानें

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